NEEL ANANT राज्य सरकार की ओर से लाए जा रहे राइट टू हैल्थ बिल को लेकर निजी चिकित्सालयों का विरोेध शांत नहीं हो रहा है। पिछले दिनों सीएम से मुलाकात के बाद भले ही चिकित्सकों ने आंदोलन वापस ले लिया लेकिन अभी भी बिल को लेकर विरोध कायम है। इसको लेकर एकक बार फिर विधानसभा में प्रवर समिति की बैठक बुलाने को लेकर निजी चिकित्सक औैर अस्पताल राज्य सरकार के विरोध में आ गए है। इसके चलते प्राईवेट हॉस्पिटल्स एंड नर्सिंग होम्स सोसायटी व उपचार द्वारा गठित राजस्थान प्राईवेट हॉस्पिटल्स संयुक्त संघर्ष समिति ने गुरूवार को राज्य में संपूर्ण मेडिकल बंद का आहवान किया है।
समिति के सेक्रेटरी डॉ. विजय कपूर ने कहा कि यदि सरकार इस बिल को वापस नहीं लेती तो संपूर्ण प्रदेश में अनिश्चितकालीन मेडिकल बंद और समस्त सरकारी योजनाओं का संपूर्ण बहिष्कार किया जाएगा। उन्होंने मंगलवार देर रात एक बयान जारी कर कहा कि सरकार से वार्ता करने वालों में राजस्थान के प्राईवेट अस्पतालों का प्रतिनिधित्व नगण्य है और प्रदेश के समस्त निजी अस्पताल इस प्रतिनिधि मंडल के संशोधित राइट टू हैल्थ बिल के स्टेंड से असहमत हैं।
ऐसे में सरकार के अड़ियल रवैये व जल्दबाज़ी को देखते हुए गुरुवार को समस्त राजस्थान में संपूर्ण मेडिकल बंद का आह्वान किया गया है। इस दौरान पूरे प्रदेश में इमरजेंसी सेवाएं स्थगित रहेंगी। उन्होंने कहा कि या तो सरकार इस बिल को राईट टू इमरजेंसी ट्रीटमेंट के नाम से लाए अन्यथा हैल्थ की परिभाषा के अनुसार स्वच्छ पेयजल, शुद्ध व पौष्टिक भोजन, मानसिक स्वास्थ्य इत्यादि सुनिश्चित करें और उसके बाद राईट टू हैल्थ बिल लाए। यह बिल किसी भी स्वरूप में व किसी भी सूरत में मंज़ूर नहीं है।
2023-03-15