नई व्यवस्था से श्रद्धालु गदगद, बिना रुके हो रहे बाबा श्याम के दीदार
खाटूश्यामजी (सीकर), 22 फरवरी (ब्यूरो) : विश्व प्रसिद्ध खाटूश्यामजी में फाल्गुन का लक्खी मेला भरने लग गया है। शुक्ल पक्ष के दूसरे दिन यानी फुलेरा दोज पर बड़ी संख्या में भक्त बाबा श्याम के दर्शन करने पहुंचे। भारी भीड़ को देखते हुए खाटूधाम के बाहरी क्षेत्र से लेकर मंदिर परिसर में पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों का कड़ा पहरा है। अब भक्तों को मंदिर में फूल-माला ले जाने की इजाजत नहीं है। प्रसाद भी नहीं चढ़ेगा, लेकिन प्रसाद ले जाने पर पाबंदी नहीं है। मंदिर परिसर के मुख्य द्वार पर खड़े द्वार पाल फूल-माला लेकर आने वाले श्रद्धालुओं को बाहर ही रोक रहे हैं। श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए कई और बड़े बदलाव किए गए हैं। मंदिर परिसर में लगी जिग-जैग को हटा दिया गया है। उसके स्थान पर आठ से दस लेन बनाई गई हैं। इससे श्रद्धालुओं को बेहद कम समय में बाबा के दर्शनों का लाभ मिल रहा है। फुलेरा दोज पर बुधवार को भारी भीड़ होने के बावजूद भक्तों ने बिना रुके श्यामजी के दर्शन किए। मंदिर से पहले एक और निकास द्वार बनाया गया है, जो मुख्य बाजार में बीचों-बीच खुलता है। इससे मंदिर के आसपास लगने वाली भीड़ को कम करने में खासी मदद मिलेगी। खाटूधाम आने वाले सभी वाहनों को शहर के बाहर रोका जा रहा है ताकि जाम का सामना नहीं करना पड़े। अलग-अलग जगह वाहन पार्किंगें बनाई गई हैं।
और बढ़ेगी भीड़…
माना जा रहा है कि एक-दो दिन में खाटू आने वाले श्रद्धालुओं की संख्या में भारी इजाफा हो सकता है। हालांकि प्रशासन ने इसकी तैयारी पहले ही कर ली है। प्रशासन का मानना है दो साल तक कोरोना और व्यवस्था के लिए करीब 3 माह तक मंदिर बंद रहने से बड़ी संख्या में श्रद्धालु खाटू आ सकते हैं। श्रद्धालुओं के ठहरने के लिए विशाल डोम बनाए गए हैं।
18 किलोमीटर तक भक्तों का रैला
रींगस से खाटूधाम की दूरी करीब 18 किलोमीटर है। 18 किमी तक बच्चे, युवा, बुजुर्ग, महिलाएं निशान (ध्वजा) लेकर पैदल चल रहे हैं। इनमें कई तो नंगे पैर हैं। सिर पर राजस्थानी पगड़ी और हाथ में निशान लिए भक्त श्याम की मस्ती में नाचते-गाते खाटूधाम की ओर बढ़ रहे हैं। श्यामभक्त रातभर निशान लेकर चल रहे हैं ताकि वे मंगला दर्शन की झांकी का लाभ ले सकें। यह दूरी 4 से 5 घंटे में तय कर ली जाती है। रींगस में भी मेले जैसा माहौल है। खाटूधाम जाने वाले रास्तों पर सैंकड़ों दुकानों पर बड़ी संख्या में निशान सजे हैं। मनोकामना पूरी होने पर ज्यादातर भक्त यहीं से निशान लेकर खाटू जाते हैं।
2023-02-22