मावली उपखंड कार्यालय के सामने किंग सेना ने फांसी के फंदे लटकाए

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– कहा सरकार ने मांगें नहीं मानी तो एक-एक करके फंदे पर झूल जाएंगे
– अनशन स्थल के नीम के पेड़ों पर डाले फांसी के फंदे
– आमरण अनशन के दूसरे दिन 2 ग्रामीण और बैठे भूख हड़ताल पर
– आमरण अनशनकारियों की संख्या बढ़कर 13 हुई
– जिला प्रशासन ने अनशनकारियों की स्वास्थ्य जांच नहीं की
– सैंकड़ों की तादाद में अनशन स्थल पर उमड़ते ग्रामीण

उदयपुर। माही बांध व मानसी नदी का पानी मेवाड़ में लाने और बागोलिया बांध को भरने के लिए बीते सोमवार से मावली उपखंड कार्यालय पर धऱने पर बैठे अनशकारियों ने घोषणा की है कि उनकी मांगों की पूर्ति जल्द नहीं की गई तो वे एक-एक करे फांसी के फंदे पर झूल जाएंगे। इसके लिए अनशन स्थल पर नीम के पेड़ों पर फांसी के फंदे लटका दिए गए हैं।
आमरण अनशन के दो दिन बीत जाने के बाद भी प्रशासन की ओर से कोई जवाब नहीं आने पर किंग सेना मातृभूमि धर्म संघ ने मंगलवार को यह फैसला लिया। अनशन स्थल पर मौजूद संगठन के राष्ट्रीय अध्यक्ष कुंवर राव गगन सिंह ने कहा कि स्थानीय प्रशासन हर तीन घंटे में अनशन स्थल की फोटो और अन्य जानकारी ले रहा है। अनशनकारियों में 75 साल के लालूराम डांगी और 68 साल के सुखराम भील भी हैं। लेकिन स्वास्थ्य विभाग ने अभी तक एक बार भी अनशनारियों के स्वास्थ्य जांच नहीं की है।
सोमवार को दो और ग्रामीण हीरालाल तेली नूरडा और गोपाल लखारा इंटाली ने भी भूख हड़ताल शुरू करने की घोषणा की। अब अनशनकारियों की संख्या बढ़कर 13 हो गई है। मावली पूर्व प्रधान सुशील ओस्तवाल, भाजपा डबोक मंडल अध्यक्ष कुलदीप सिंह चुंडावत, मावली व्यापार मंडल अध्यक्ष निर्मल लोढा, श्रीनाथ टेक्सी युनियन अध्यक्ष वीर सिंह गुर्जर, सामाजिक कार्यकर्ता रूपलाल मेनारिया, ऋतुराज सिंह उज्जेन, किशन सिंह राव ने अनशन स्थल पर आकर संगठन की मांगों का समर्थन किया।
अनशन के दूसरे दिन पंचायत नूरडा, वीरधोलिया,बिजनवास, नऊवा, धोलीमंगरी, पलाना खुर्द, पलाना कला, वारणी, बडियार, थामला, साकरोदा, बोयणा, भीमल, इंटाली पंचायत, मेड़ता, सालेरा कला, नांदवेल, रख्यावल, गादोली के ग्रामीण पहुंचे और अपना समर्थन दिया।
मंच पर उपस्थित सभी वक्ताओं ने एक स्वर में कहा कि दोनों प्रमुख राजनीतिक दल भाजपा और कांग्रेस की स्वार्थ की राजनीति के चलते बागोलिया बांध के लिए 40 करोड़ रु. की नहर अभी तक स्वीकृत नहीं हो पाई है। जबकि हजारों करोड़ रुपये हर साल राज्य सरकारें सिंचाई मंत्रालय के लिए पारित करती हैं। मावली और मेवाड़ की जनता को दोनों ही दलों ने हमेशा ठगा है।

उदयपुर शहर को `0` किया
उदयपुर शहर, मावली, भींडर, फतहनगर की पेयजल आपूर्ति सुनिश्चित करने के लिए मानसी वाकल योजना आज से 50 साल पहले बनी थी। इसका पहला चरण बना। दूसरा और तीसरा शून्य करते हुए अब इसके चौथे चरण का पानी पाली और सिरोही ले जाने की तैयारी की जा रही है। यह उदयपुर शहर समेत मेवाड़ की जनता के साथ अन्याय है। इसे बिल्कुल भी बर्दास्त नहीं किया जाएगा।

संगठन की दो प्रमुख मांग

बागोलिया नहर

उदयसागर से बागोलिया (मावली) तक नहर के निर्माण के लिए मौजूदा बजट सत्र में 40 करोड़ रु. की घोषणा कर स्वीकृत किए जाएं। इस योजना पर बीते 25 साल में 3-3 डीपीआर बन चुकी है।

माही-मानसी के लिए राज्य स्तरीय समिति

माही बांध और मानसी व वाकल नदी का पानी मेवाड़-वागड़ के खेतों में लाने के लिए राज्य स्तरीय समन्वय समिति बनाई जाए। जिसकी अध्यक्ष उदयपुर संभागीय आयुक्त करें। जिला कलेक्टर उदयपुर पदेन सचिव हों। किंग सेना अध्यक्ष एवं अन्य संगठन पदाधिकारी सदस्य हो। साथ ही जलसंशासन विभाग और जलदाय विभाग के मुख्य अभियंता को बतौर सदस्य शामिल किया जाए और आमंत्रित सदस्यों में उदयपुर संभाग के सभी जिलों के जिला कलेक्टरों को शामिल किया जाए।

माही बांध करार खत्म हुए 22 साल हुए
माही बांध को लेकर राजस्थान और गुजरात में 1966 में हुए समझौते को खत्म हुए 22 साल से अधिक का समय हो गया है लेकिन मेवाड़-वागड़ के हितों को हाशिये पर डालते हुए राजस्थान की किसी भी सरकार ने कभी कोई सवाल नहीं खड़ा किया।

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