गौ तस्करी को लेकर जिंदा जलाए गए जुनैद-नासिर केस अब हरियाणा वर्सेस राजस्थान होता दिख रहा है। हरियाणा पुलिस ने मंगलवार को राजस्थान पुलिस के खिलाफ केस दर्ज कर लिया। दरअसल, राजस्थान पुलिस ने 17 फरवरी की सुबह साढ़े 3 बजे हत्या के एक आरोपी श्रीकांत पंडित के घर छापा मारा था।
श्रीकांत के परिजनों का आरोप है कि राजस्थान पुलिस की मारपीट की वजह से आरोपी की गर्भवती पत्नी कमलेश के पेट में पल रहे बच्चे की मौत हो गई थी। नूंह (मेवात) के नगीना थाने में यह केस दर्ज किया गया है। शिकायत में राजस्थान पुलिस का नाम है। श्रीकांत की मां दुलारी की शिकायत पर हरियाणा पुलिस ने रविवार को नवजात बच्चे को श्मशान से निकलवाकर पोस्टमॉर्टम कराया था।
नूंह के SP वरूण सिंगला ने बताया- इस केस में चोट और मिसकेरेज की धाराएं लगाई गई हैं। शिकायत में कहा गया है कि 30-40 लोग थे, उनके खिलाफ केस दर्ज किया गया है। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट अभी नहीं मिला है। रिपोर्ट मिलने के बाद केस में आगे की धाराएं जोड़ी जाएंगी।
हत्या में नामजद तीन आरोपी हरियाणा पुलिस के इन्फॉर्मर
वहीं इस मामले में मंगलवार को बड़ा खुलासा हुआ है। हत्या के आरोप में नामजद किए रिंकू सैनी, लोकेश सिंगला और श्रीकांत हरियाणा पुलिस के इन्फॉर्मर हैं। जो हरियाणा पुलिस के साथ गौ तस्करी के मामले में रेड के वक्त जाते थे। इन तीनों के अलावा मोनू मानेसर और अनिल को इस केस में नामजद किया गया है।
गौरक्षकों के पुलिस इन्फॉर्मर होने के मामले में कुछ पुरानी FIR की कॉपी से इस बात का खुलासा हुआ है कि जनवरी में हरियाणा पुलिस लोकेश सिंगला को साथ लेकर गई थी। इनमें से 4 FIR मेवात (नूंह) जिले के फिरोजपुर झिरका थाने में दर्ज हुई हैं। जुनैद-नासिर के परिवार ने यहीं की पुलिस पर हत्याकांड में शामिल होने का शक जताया है।
राजस्थान पुलिस की पूछताछ में रिंकू सैनी ने क्या कहा?
सूत्रों के मुताबिक राजस्थान पुलिस की पूछताछ में हत्या के आरोपी रिंकू सैनी ने बताया- वह जुनैद-नासिर को फिरोजपुर झिरका पुलिस थाने में ले गए थे। वह चाहते थे कि पुलिस दोनों को गिरफ्तार कर ले। हालांकि मारपीट की वजह से दोनों की हालत अधमरी हो चुकी थी। इस वजह से पुलिस ने कार्रवाई से इनकार करते हुए उन्हें थाने से लौटा दिया। जुनैद-नासिर मारपीट से ही मर चुके थे।
इसके बाद वह दोनों के शव ठिकाने लगाने के बारे में सोचने लगे। इसके बाद वह बोलेरो में दोनों को डालकर फिरोजपुर झिरका से 200 KM दूर भिवानी के लोहारू ले गए और गाड़ी समेत शवों को आग लगा दी। उन्हें उम्मीद थी कि इनकी शिनाख्त नहीं होगी लेकिन बोलेरो के चेसिस नंबर से पता चल गया। वहीं इनके अपहरण के बारे में पहले ही राजस्थान के भरतपुर में केस दर्ज था।
जुनैद-नासिर की हत्या का मामला ऐसे सामने आया
जुनैद (35) और नासिर (28) दोनों राजस्थान के जिला भरपुर के गांव घाटमीका के रहने वाले थे। ये गांव हरियाणा बॉर्डर के नजदीक है। जुनैद के चचेरे भाई इस्माइल ने 15 फरवरी को गोपालगढ़ थाना (भरतपुर) में दोनों के अपहरण और मारपीट का केस दर्ज कराया है। अगले दिन 16 फरवरी को जुनैद और नासिर की लाश हरियाणा में भिवानी जिले के कस्बा लोहारू में जली हुई हालत में मिली थी। दोनों के कंकाल बोलेरो गाड़ी में मिले थे। इस मामले में भरतपुर पुलिस ने अपहरण और हत्या का मामला दर्ज किया है।
मोनू मानेसर और हरियाणा पुलिस पर आरोप
इस मामले में मृतक जुनैद और नासिर के परिवार वालों ने हरियाणा के फिरोजपुर-झिरका की पुलिस व बजरंग दल के गौरक्षा प्रमुख मोनू मानेसर पर हत्या का आरोप लगाया है। परिजन का कहना है कि दोनों को पहले हरियाणा पुलिस ने गाड़ी से टक्कर मारी और फिर अधमरी हालत में बजरंग दल वालों को सौंप दिया, जिन्होंने दोनों को जलाकर मार डाला।