गुनाहों की बख्शिश का जरिया है हज: रजवी ,हज यात्रियों को दिया प्रशिक्षण, टीकाकरण किया

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जोधपुर। इस्लाम का पांचवा और आखरी रूकन है हज। यह एक बहुत अहम रूकन है। हज करने के बाद इंसान अपने गुनाहों से ऐसा पाक हो जाता है जैसे उसने आज ही अपनी मां की कोख से जन्म लिया हो। हज पर जाने वाले शख्स को अपने सफर की रवानगी से पहले अपने हर रिश्तेदार और जान पहचान वालों के साथ अगर कोई अनबन है तो उसे खत्म कर देना चाहिए। चाहे गलती किसी की हो हज पर जाने वाले को दिल साफ करते हुए माफ कर देना चाहिए। मक्का पहुंच कर अपने गुनाहों की तौबा करे करे और रब की बारगाह में मगफिरत तलब करे। अपना ज्यादा से ज्यादा वक़्त इबादत में गुजारे। यह विचार हज यात्रियों के एक दिवसीय ट्रेनिंग प्रोग्राम में हाजियों को ट्रेनिंग के दौरान मौलाना मुफ्ती एम. फय्याज अहमद रज़वी ने व्यक्त किए।

प्र्रशिक्षण और टीकाकरण कार्यक्रम में जोधपुर परिमण्डल के प्रवर अधीक्षक डाकघर हनीफ खान ने कार्यक्रम की अध्यक्षता करते हुए अपने संबोधन में सभी को हज के सफर की अग्रिम मुबारकबाद देते हुए कहा कि आपका सफर आसान हो और आपका हज कबूल हो। मुख्य अतिथि के तौर पर प्रमुख हज प्रशिक्षक के रूप में मौलाना मुफ्ती मोहम्मद फय्याज अहमद रजवी ने ऑडिया वीजूअल सिस्टम के साथ साथ प्रेक्टिकली एहराम बांधने से लेकर हज की सम्पूर्ण विधि को विस्तारपूर्वक समझाया। हज संबंधी वीडियो डॉक्यूमेन्ट्री और पावर पॉइन्ट स्लाइड द्वारा विधि को बताया गया।

इस अवसर पर चिकित्सा एवं स्वास्थ्य विभाग के सहयोग से नि:शुल्क टीकाकरण भी किया गया। चिकित्सा विभाग के डॉ. रईस मेहर, डॉ. आरिफ बैग और अन्जुम सिद्दीक़ी ने टीकाकरण एवं स्वास्थ्य संबंधी जांच में सहयोग किया। बालेसर ब्लॉक मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ. रईस मेहर को हाजियों की उत्कृष्ट सेवा के लिए हाजी खलील अहमद पठान हज खिदमत अवार्ड 2023 से सम्मानित किया गया। इस अवसर पर सेन्ट्रल हज कमेटी के प्रशिक्षक कय्यूम कुरैशी, ऑल इण्डिया हज वेलफेयर सोसायटी के जोधपुर इकाई अध्यक्ष आरिफ अली, शहजाद अंसारी, हाजी हबीबुर्रहमान खिलजी, खलील अहमद भाटी आदि उपस्थित थे। कार्यक्रम का आगाज़ मौलाना मकबूल खान की तिलावते कलाम पाक से हुआ। कार्यक्रम के अंत में इरफान अहमद ने धन्यवाद ज्ञापित किया।

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