गहलोत बोले- चुनाव बाद मुख्यमंत्री का फैसला हाईकमान करेगा:कहा- छोटे-मोटे मतभेद चलते रहते हैं, मिलकर चुनाव लड़ेंगे और सरकार बनाएंगे

Share:-

सचिन पायलट से मतभेद को लेकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा है कि हमारी पार्टी में छोटे-मोटे मतभेद चलते रहते हैं। मतभेद हर राज्य में हर पार्टी में चलते हैं। हम सब मिलकर चुनाव लड़ेंगे, चुनाव जीतेंगे और सरकार बनाएंगे। जहां तक मुख्यमंत्री की बात है तो हमेशा इसका फैसला हाईकमान करता है।

गहलोत ने कहा कि हम बचपन से कांग्रेस में काम कर रहे हैं, हमेशा मुख्यमंत्री का फैसला हाईकमान ही करता है। इसमें कोई दो राय नहीं है, यह कभी बहस का विषय रहता ही नहीं। हम सब मिलकर चुनाव लड़ते हैं, चुनाव जीतते हैं। उसके बाद हाईकमान जो फैसला करता है, वह सबको मंजूर होता है। यह परंपरा रही है और आगे भी यही रहेगी। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे से मुलाकात के बाद गहलोत दिल्ली में मीडिया से बातचीत कर रहे थे।

गहलोत ने पायलट के साथ मतभेद की बात स्वीकारी, लेकिन यह भी कहा- कोई मतभेद नहीं है, मतभेद हर पार्टी में होते रहते हैं। बीजेपी की तो जो दुर्गति राजस्थान में हो रही है, वैसी देश में कहीं नहीं है। आप किसकी बात करते हो।

जिलों की मांग बहुत पुरानी, इसे पूरा करने पर जनता खुश
नए जिलों पर गहलोत ने कहा- जिलों को लेकर बहुत पुरानी मांग थी। राजस्थान देश का सबसे बड़ा राज्य है, उसकी भौगोलिक स्थिति को देखते हुए जिलों की जरूरत थी। हमने बहुत स्टडी करने के बाद 19 जिले बनाने का फैसला किया है। इसका लोगों ने स्वागत किया है। जनता इससे खुश है।

राहुल गांधी माफी क्यों मांगे, माफी तो पीएम मोदी मांगें
राहुल गांधी के लंदन में दिए बयान पर माफी के सवाल पर गहलोत ने कहा- पहली बार देख रहे हैं कि सत्तापक्ष संसद को नहीं चलने दे रहा। ये बातें देश तक ही सीमित नहीं रहती हैं, दुनिया तक जाती हैं कि सत्तारूढ़ पार्टी खुद ही संसद को डिस्टर्ब करे। राहुल गांधी किस बात की माफी माफी मांगें? माफी तो प्रधानमंत्री मोदी को मांगनी चाहिए।

गहलोत ने कहा कि मोदी पिछले नौ साल में देश के बाहर क्या-क्या नहीं बोले। जर्मनी और कोरिया में उन्होंने क्या-क्या नहीं कह दिया कांग्रेस के बारे में। किस प्रकार से उन्होंने देश के बाहर कहा था कि 70 साल में देश के अंदर कुछ भी नहीं हुआ, हिंदुस्तान के अंदर कहां पैदा हो गए? पता नहीं उन्होंने देश के बारे में क्या-क्या शब्द बोले थे।

गहलोत ने कहा- मैं आपसे बात कर रहा हूं, यह पूरी दुनिया देख सकती है। इंटरनेट का युग है। राहुल गांधी ने भारत जोड़ो यात्रा के दौरान और दिल्ली में जो बातें कहीं थी। वही बातें उन्होंने लंदन में रिपीट की थीं। अडाणी के मुद्दे पर जेपीसी नहीं बनानी पड़े, इसलिए वे बहाना करके राहुल गांधी का मुद्दा लेकर आए हैं।

विपक्षी दलों के नेता ही जेलों में क्यों बंद हो रहे?
गहलोत ने कहा- राहुल गांधी जैसा दबंग नेता ही इनका मुकाबला कर सकता है। देश की जो हालत है, वह बहुत चिंताजनक है। देश किस दिशा में जाएगा और किस दिशा में जा रहा है। यह कोई नहीं कह सकता। लोकतंत्र खतरे में है। सब जानते हैं ईडी, इनकम टैक्स और सीबीआई ने आतंक मचा रखा है।

उन्होंने कहा कि पूरे देश में आप देख रहे हैं, क्या हो रहा है। सब विपक्षी पार्टियों के लोग ही जेलों में बंद हो रहे हैं। छापेमारी भी उन्हीं पर हो रही है। यह तमाशा बना रखा है। देश देख रहा है, मोदी जी को चाहिए कि राहुल गांधी ने जो मुद्दे उठाए थे उन पर काम करें।

असंतोष सीमा पार कर गया तो देश में गृह युद्ध हो जाएगा
गहलोत ने कहा- प्रधानमंत्री मोदी जी के लिए वक्त है कि वे हालात सुधारें। लोकसभा चुनाव में समय बाकी है। सब चीजों को छोड़ कर, सब बहानेबाजी बंद करके उनको चाहिए देश के भविष्य के लिए बहुत जरूरी मुद्दों का समाधान करें। अमीर और गरीब के बीच खाई बढ़ रही है। बेरोजगारी ब और महंगाई बढ़ रही है। असंतोष बढ़ रहा है। असंतोष एक सीमा पार कर गया तो गृह युद्ध हो सकता है। दुनिया के कई देशों में हो चुका है। क्या इसकी चिंता प्रधानमंत्री को नहीं होनी चाहिए? लेकिन वहां तो तानाशाही है।

पीएम को सच्चाई बताने की किसी मंत्री की हिम्मत नहीं
गहलोत ने कहा- बीजेपी में तानाशाही है। अगर पार्टी में तानाशाही है, पीएम की जिस तरह की अप्रोच है, उसकी वजह से किसी मंत्री, पार्टी पदाधिकारी की हिम्मत नहीं है कि कोई उन्हें सच्चाई बता सके। कोई पीएम मोदी से शिकायत नहीं कर सकता। पहले एक-दो मंत्रियों के बारे में विश्वास करते थे कि वे बात कह सकते हैं, जैसे राजनाथ सिंह, गडकरी। अब वे भी बोलना बंद कर चुके। अब अमित शाह से हम क्या उम्मीद करें, छापे डालने से ही उन्हें फुर्सत नहीं है। हमारी सरकार गिराने के लिए भी जो बड़े-बड़े किरदार थे, उनमें से अमित शाह के साथ धर्मेंद्र प्रधान, गजेंद्र शेखावत थे। वह तो इनकी चली नहीं, इन्होंने हमारी सरकार गिराने में कोई कसर नहीं रखी थी।


 

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *