राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र में भाजपा और कांग्रेस के लिए भविष्य में मुश्किल बनेगी ‘बाप’

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भारत आदिवासी पार्टी ने पहली बार चुनाव लड़कर जीती 3 सीट, चार विधानसभा में दूसरे स्थान पर जबकि अन्य 9 विधानसभा सीटों पर भी बनी रही मुकाबले में
उदयपुर, 04 दिसम्बर(ब्यूरो): राजस्थान के आदिवासी क्षेत्र के मतदाता भाजपा और कांग्रेस से दूर होते जा रहे हैं। आदिवासी मतदाताओं ने पहली बार चुनाव में उतरी भारत आदिवासी पार्टी के 3 प्रत्याशियों पर भरोसा जताते हुए उन्हें विधानसभा के लिए भेजा है।
दक्षिण राजस्थान में मेवाड़ एवं वागड़ अंचल में आदिवासियों के लिए 16 सीट रिजर्व हैं। जिनमें बांसवाड़ा जिले की सभी पांच, डूंगरपुर जिले की सभी चार तथा प्रतापगढ़ जिले की सभी दो विधानसभा सीट शामिल हैं। इसके अलावा उदयपुर जिले की आठ विधानसभा सीटों में से पांच अनुसूचित जनजाति के आदिवासी प्रत्याशियों के लिए रिजर्व हैं।
इस बार कांग्रेस फायदे में
विधानसभा चुनाव 2023 के परिणाम भाजपा ने 16 में से सात सीटों पर जीत दर्ज की, वहीं कांग्रेस को इस बार एक सीट का फायदा रहा। कांग्रेस ने इस बार छह पर जीत दर्ज की। कांग्रेस ने खेरवाड़ा, डूंगरपुर, बांसवाड़ा, बागीदौरा, घाटोल तथा कुशलगढ़ सीट पर जीत दर्ज की। इनमें घाटोल सीट भाजपा से छीनी, वहीं प्रतापगढ़ सीट गंवा दी। हालांकि उप चुनाव में धरियावद विधानसभा सीट कांग्रेस ने भाजपा से छीन ली थी लेकिन इस बार वहां बाप प्रत्याशी विजयी रहा।
इन सीटों पर विजयी रही भाजपा : आदिवासी क्षेत्र में अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित सीटों में उदयपुर जिले से उदयपुर ग्रामीण, सलूम्बर, गोगुंदा और झाड़ोल सीट पर भाजपा विजयी रही। इसके अलावा भाजपा प्रत्याशियों ने सागवाड़ा, प्रतापगढ़ और गढ़ी विधानसभा सीटों पर जीत हांसिल की। जिनमें सागवाड़ा सीट भारतीय ट्राइबल पार्टी और प्रतापगढ़ सीट कांग्रेस से छीन ली।
बाप ने पहली बार चुनाव लड़ते जीती तीन सीट
आदिवासी परिवार की ओर से बनाई गई भारत आदिवासी पार्टी(बाप)ने पहली बार चुनाव लड़ते हुए डूंगरपुर जिले की चौरासी तथा आसपुर विधानसभा सीट पर जीत दर्ज की, वहीं प्रतापगढ़ जिले की धरियावद विधानसभा पर जीत का पताका फहराया। इसके अलावा बाप के प्रत्याशियों ने सागवाड़ा, डूंगरपुर, प्रतापगढ़, सलूम्बर, खेरवाड़ा, उदयपुर ग्रामीण, बांसवाड़ा, बागीदौरा, घाटोल, गढ़ी तथा कुशलगढ़ में 25 हजार से लेकर 62 हजार से अधिक मत प्राप्त कर परिणाम को प्रभावित किया।
लोकसभा चुनाव में खड़ी करेंगे मुश्किल
बांसवाड़ा—डूंगरपुर जिले की नौ विधानसभाओं को मिलाकर एक लोकसभा सीट बांसवाड़ा और डूंगरपुर नाम से संयुक्त रूप से है। जहां अभी भाजपा का कब्जा है। यहां की नौ विधानसभा सीटों में बाप ने 3 सीट जीतीं, वहीं चार पर उनका उम्मीदवार दूसरे स्थान पर रहा, बाकी दो सीटों पर उनके प्रत्याशियों ने कड़ी टक्कर दी। इस लोकसभा क्षेत्र में सर्वाधिक मत बाप प्रत्याशियों को मिले।

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