प्रदेश में समग्र शिक्षा कार्यक्रमों की गाइडलाइन के इंटरैक्टिव वीडियो तैयारएमोबाइल पर क्यूआर कोड से कर सकेंगे एक्सेस

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राजस्थान के स्कूल शिक्षा विभाग की नई पहल

करीब चार दर्जन गाइडलाइंस को किया 15 वीडियो में समाहित

व्हाट्सएप ग्रुप के जरिए किया जाएगा सभी स्कूलों में सर्कुलेट

जयपुर, 02 अगस्त। प्रदेश में स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा अनूठी पहल के तौर पर समग्र शिक्षा अभियान के तहत संचालित कार्यक्रमों, गतिविधियों और ‘टीचर्स ट्रेनिंग मॉड्यूल’ के वीडियो तैयार कराए गए है। इनको आगामी दिनों में वॉट्सएप ग्रुप के माध्यम से सभी सरकारी विद्यालयों के शिक्षकों को सर्कुलेट कर दिया जाएगा। इसके तहत करीब चार दर्जन गाइडलाइंस को 15 इंटरेक्टिव वीडियोज में समाहित कर ‘यूट्यूब’ पर अपलोड कर इनके ‘क्यूआर कोड’ बनाए गए हैं।

स्कूल शिक्षा विभाग के शासन सचिव श्री नवीन जैन ने यह जानकारी देते हुए बताया कि इस नई पहल से शिक्षक, अभिभावक, आमजन और विद्यार्थी अपने से सम्बंधित कार्यक्रमों की जानकारी चंद मिनटों में मोबाईल पर ‘क्यूआर कोड’ को स्कैन करते हुए इन वीडियोज के जरिए प्राप्त कर सकेंगे। इस प्रयोग से विभागीय गतिविधियों का और अधिक पारदर्शिता के साथ संचालन होगा और इनमें सामुदायिक भागीदारी को बढ़ावा मिलेगा। वीडियों के रूप में प्रसारित गाइडलाइन को पढ़ने और समझने में आसानी रहेगी, जिससे विभागीय योजनाओं को प्रभावी संचालन हो सकेगा। उन्होंनें बताया कि समग्र शिक्षा अभियान के तहत अलग-अलग कार्यक्रमों की गाइडलाइन को समय-समय पर विभागीय सर्कुलर के माध्यम से जारी किया जाता है। इस परम्परागत तरीके से जारी किए जाने वाले दिशा-निर्देश प्रायः अधिकारियों और प्रिंसिपल तक ही सीमित रह जाते हैं। इस दिशा में विभाग द्वारा ‘लीक से हटकर‘ कार्य करते हुए सभी ‘गाइडलाइंस‘ की समीक्षा की गई। इनके व्यवहारिक और एक समान पहलुओं को ‘क्लब’ कर ‘ऑडियो-विजुअल फॉर्म’ में कंवर्ट करते हुए ‘इंटरैक्टिव वीडियोज’ तैयार कर लिए गए हैं। इन वीडियो को ‘यूट्यूब‘ पर अपलोड कर उनके ‘क्यू आर कोड‘ बनाए गए है। इनको विभाग के तहत सम्भाग, जिला, ब्लॉक एवं स्कूलों के स्तर पर अधिकारियों, शिक्षकों, विद्यार्थियों और अभिभावकों के ‘वॉट्सएप ग्रुप‘ द्वारा राज्य के समस्त सरकारी स्कूलों तक सुलभ करा दिया दिया जाएगा।

अलग-अलग थीम पर बनाए उपयोगी वीडियोज

शासन सचिव ने बताया कि स्कूल शिक्षा विभाग के सभी ‘स्टेकहोल्डर्स’ के लिए उपयोगिता और आवश्यकताओं को ध्यान में रखते हुए ये वीडियोज अलग-अलग थीम पर तैयार कराए गए है। ‘ग्रान्टस फॉर स्कूल‘ के वीडियो में कम्पोजिट स्कूल ग्रान्ट एवं स्पोर्ट्स ग्रांट, ‘क्लब्स इन द स्कूल‘ में यूथ एण्ड इको क्लब एवं विज्ञान क्लब, ‘स्कूल उत्सव‘ शीर्षक पर बने वीडियो में प्रवेशोत्सव, वार्षिकोत्सव, एल्यूमिनाई मीट, बाल समारोह, कला उत्सव एवं रंगोत्सव तथा ‘हॉस्टल्स‘ के वीडियो में कस्तूरबा गांधी बालिका विद्यालय एवं मेवात बालिका छात्रावास के बारे में आवश्यक सूचनाओं और उपयोगी जानकारी का समावेश किया गया है। उन्होंने बताया कि विद्यार्थियों और शिक्षकों के लिए टीचिंग लर्निंग मैटेरियल से सम्बंधित गतिविधियों जैसे शिक्षक-विद्यार्थी डायरी, सभी प्रकार की वर्क बुक्स (उपचारात्मक रेडीनेस), कला एवं एबीएल किट, विज्ञान एवं गणित किट से सम्बंधित प्रमुख बातों को शामिल करते हुए एक विशेष वीडियो तैयार किया गया है। वहीं बालिकाओं को रानी लक्ष्मीबाई आत्मरक्षा प्रशिक्षण, आईसीटी लैब, व्यावसायिक शिक्षा गतिविधियां, सामुदायिक गतिशीलता (विद्यालयों के स्तर विकास समितियों की बैठक, सामुदायिक जागृति दिवस एवं आपणी लाडो योजना) तथा किशोर-किशोरी सशक्तीकरण गतिविधियां (राजू/मीना मंच, गार्गी मंच एवं अध्यापिका मंच, किशोरी मेला तथा चाइल्ड राइट क्लब) पर भी वीडियो बनाए गए हैं।

विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों पर भी फोकस

श्री जैन ने बताया कि विभाग द्वारा ‘चाइल्ड विद स्पेशल नीड्स‘ (विशेष आवश्यकता वाले विद्यार्थियों) के लिए ट्रांसपोर्ट भत्ता, एस्कॉर्ट भत्ता, स्टायफंड और रीडर भत्ता जैसी गतिविधियों का संचालन होता है। इनके बारे में महत्त्वपूर्ण जानकारी को एक वीडियो के माध्यम से एक्सेस किया जा सकता है। इसी प्रकार महात्मा गांधी स्कूलों में पूर्व प्राथमिक शिक्षा के वीडियो में एक्टिव कॉर्नर, रीडिंग कॉर्नर एवं कला कॉर्नर के साथ-साथ पूर्व प्राथमिक शिक्षा के लिए टीएलएम (टीचिंग लर्निंग मैटेरियल) किट तथा विद्यार्थियों के लिए ट्रांसपोर्ट वाउचर योजना से सम्बंधित वीडियोज भी अब सभी के लिए यूट्यूब पर उपलब्ध है।

कम अवधि के शिक्षक-प्रशिक्षण भी शामिल

शासन सचिव ने बताया कि विभाग में ब्लॉक और जिला स्तर पर एक या दो दिनों की छोटी अवधि के लिए कई शिक्षकों के कई प्रशिक्षण पूरे सत्र में आयोजित किए जाते है। इनमें शामिल होने के लिए टीचर्स को अपने स्कूलों से शहरों या फिर किसी अन्य सेंटर पर प्रशिक्षण प्राप्त करने के लिए यात्रा करनी पड़ती है। इससे उनको अनावश्यक परेशानी होती है और क्लास रूम टीचिंग पर भी विपरीत प्रभाव पड़़ता है। ऐसे में ब्लॉक एवं जिला स्तर पर चलने वाले ऐसे प्रशिक्षणों के बारे में भी वीडियो बनाए गए है, जिनको अपने मोबाइल पर अपनी सुविधा के अनुसार देख कर टीचर्स गतिविधियों की जानकारी प्राप्त कर सकते हैं। इसके अलावा क्वालिटी एजुकेशन के लिए विद्यालय एवं शिक्षकों की परख से सम्बंधित एक वीडियो में निपुण मेला तथा शाला सिद्धि एवं शिक्षक मूल्यांकन प्रपत्र, क्वालिटी मॉनिटरिंग टूल की जानकारी दी गई है।

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