Delhi: कंझावला मामले में बड़ी कार्रवाई, तीन PCR और दो पिकेट पर तैनात पुलिसकर्मियों के निलंबन के निर्देश

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विशेष पुलिस आयुक्त शालनी सिंह की देखरेख में बनी कमेटी की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की गई है। रिपोर्ट में बताया गया है कि वारदात वाली रात सुपरविजन करने वाले अधिकारियों के सुपरविजन में भी कमी थी। इस कारण उनको शो कॉज नोटिस दिया गया है।गृह मंत्रालय ने कंझावला कांड मामले में युवती अंजलि को कार से 13 किलोमीटर तक घसीटने के मामले में अब तक की सबसे बड़ी कार्रवाई की है। मंत्रालय ने वारदात वाली रात तीन पीसीआर वैन व दो पिकेट पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस के विशेष पुलिस आयुक्त शालिनी सिंह की रिपोर्ट के बाद यह कार्रवाई की है। रिपोर्ट में सीनियर पुलिस अधिकारियों के सुपरविजन में भी कमी पाई गई है। दूसरी तरफ गांधीनगर, गुजरात स्थित नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की पांच सदस्यीय टीम ने कंझावला कांड में साक्ष्य व नमूने एकत्रित करने शुरू कर दिए हैं। बाहरी जिले के डीसीपी हरेंद्र सिंह के आग्रह पर साइंस यूनिवर्सिटी की टीम दिल्ली आई है।

दिल्ली पुलिस के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि गृह मंत्रालय ने दिल्ली पुलिस आयुक्त संजय अरोड़ा को वारदात वाली रात यानी 31 दिसंबर को तीन पीसीआर वैन व दो पिकेट पर तैनात सभी पुलिसकर्मियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित करने के आदेश दिए हैं। साथ ही वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को शोकॉज नोटिस देने के आदेश दिए हैं। गृहमंत्रालय ने इस मामले में दिल्ली पुलिस को जल्द ही चार्जशीट दाखिल करने के आदेश दिए हैं।
यूनिवर्सिटी की पांच सदस्यीय टीम ने साक्ष्य जुटाने शुरू किए
बाहरी जिला डीसीपी हरेंद्र सिंह के आग्रह पर गांधी नगर, गुजरात स्थित नेशनल फॉरेंसिक साइंस यूनिवर्सिटी की ५ सदस्य टीम दिल्ली पहुंची। इस टीम में तीन महिलाएं व दो पुरुष हैं। इस टीम ने अंजलि को घसीटने वाली कार बेलोनो की जांच की। कार को क्रेन से उठाया गया। इसके बाद सैंपल लिए गए। कार के नीचे युवती अंजलि की डमी को रखा गया। कार की जांच के दौरान देखा गया कि सड़क दुर्घटना कैसे हुई। युवती कार में कहां फंसी थी और कैसे फंसी थी। वह 13 किमी तक कैसे घिसटती चली गई।
टीम सड़क दुर्घटना वाली जगह पर भी गई
यूनिवर्सिटी की टीम के साथ बाहरी जिले के डीसीपी हरेंद्र सिंह समेत कई वरिष्ठ अधिकारी मौजूद थे। यूनिवर्सिटी की टीम बाद में सड़क दुर्घटना वाली कृष्ण विहार जगह पर गई। उस जगह पर बदरपुर पड़ा हुआ है। यहां पर टीम करीब आधा घंटा रही। गुजरात की टीम ने रोहिणी स्थित एफएसएल की टीम से भी मुलाकात की। इसके बाद टीम होटल गई। टीम ने मामले की मुख्य गवाह व अंजलि की दोस्त निधि से भी कई बार पूछताछ की।
आपको बता दें कि 31 दिसंबर देर रात स्कूटी सवार अंजलि और उसकी दोस्त निधि को कंझावला इलाके में एक कार ने टक्कर मार दी थी। टक्कर लगने के बाद अंजलि कार के नीचे गिर गई थी, इससे उसका पैर कार में फंस गया था। जबकि उसकी दोस्त निधि दूसरी तरफ गिरी थी। मामले के आरोपियों को गिरफ्तार किया जा चुका है। अगर इसे सबसे दर्दनाक हादसों में से एक कहा जाए तो ये भी कम होगा। शराब के नशे में चूर बलेनो सवार युवक युवती को करीब 13 किलोमीटर तक घसीटते हुए ले गए थे। युवती कार में फंसी रही। घसीटे जाने के चलते युवती की पीठ और सिर की हड्डियां बुरी तरह से घिस गईं और सारा मांस निकल गया था। दोनों पैर की हड्डियां भी टूट गईं थी, जिससे उसकी बेहद दर्दनाक ढंग से मौत हो गई थी।
दिल्ली के कंझावला मामले में एक सीसीटीवी फुटेज सामने आया था। इस फुटेज में बलेनो कार के ठीक पीछे दिल्ली पुलिस की एक पीसीआर वैन भी गुजरती हुई दिख रही थी। फुटेज के अनुसार, एक लोकेशन पर जहां टर्निंग पॉइंट और चौराहा जैसा पॉइंट बना है, वहां पुलिस की PCR वैन और बलेनो कार के बीच करीब 40 सेकंड का अंतर था। लेकिन उस दौरान भी बलेनो कार बेहद तेजी से गुजरती हुई दिख रही है। जबकि उसके विपरीत रूट यानी सामने की तरफ से PCR वैन भी उसी लोकेशन से गुजरती दिखाई दी थी।
फुटेज में एक महत्वपूर्ण बात यह भी है कि पीसीआर वैन उस वक्त एक्टिव थी और काम कर रही थी। हालांकि पीसीआर के सूत्र बताते हैं कि वो PCR वैन बलेनो कार को नहीं तलाश रही थी, बल्कि वो किसी अन्य झगड़े की कॉल पर जा रही थी। जिस जगह का व फुटेज था उस इलाके में खेत होने की वजह से धुंध जैसी स्थित अक्सर बनी रहती है। दिल्ली में हुआ यह हादसा एकदम हैरान करने वाला था। जिसमें शव कार के नीचे फंसा हुआ था। शव अपने आप कार से नीचे गिर जाए, इसके लिए आरोपी कार को उसी लोकेशन में घूमा रहे थे।
नौ जनवरी(सोमवार) को अदालत ने छह आरोपियों को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया। वहीं, दिल्ली के कंझावला कांड में कार की चपेट में आकर जान गंवाने वाली अंजलि की मौत के मामले में नया मोड़ सामने आया था। अंजलि के घर में चोरों ने धावा बोला था। अंजलि के परिजनों ने मामले की चश्मदीद(निधि) और पुलिस पर साजिश के आरोप लगाए थे।

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