87 वर्षीय महिला के एक साथ वॉल्व रिप्लेसमेंट और पेसमेकर इंप्लांट – बिना सर्जरी के रिप्लेस किया हार्ट वॉल्व, इंप्लांट किया लीडलैस पेसमेकर

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जयपुर, 7 अप्रैल (ब्यूरो): हार्ट फेलियर और वॉल्व को सिकुडऩ से जूझ रहीं 87 वर्षीय महिला के लिए मुश्किलें कम नहीं थी। कमजोर फेफड़े, डायबिटीज, बीपी, अत्यधिक कम वजन के कारण उनके जीवन को खतरा बढ़ गया था, लेकिन डॉक्टर्स ने बेहद जटिल प्रोसीजर कर उन्हें नया जीवन दिया। देश में दूसरी बार ऐसा मामला हुआ, जिसमें मरीज को एक ही बार में बिना सर्जरी वॉल्व रिप्लेसमेंट और लीडलैस पेसमेकर इंप्लांट किया गया। प्रख्यात इंटरवेंशनल कार्डियोलॉजिस्ट डॉ. समीन शर्मा के नेतृत्व में डॉ. जितेंद्र सिंह मक्कड़ और डॉ. प्रशांत द्विवेदी ने यह कारनामा अंजाम दिया है।

20 साल पहले बायपास सर्जरी :
इटर्नल हॉस्पिटल के डॉ. प्रशांत द्विवेदी ने बताया कि महिला की 20 साल पहले बायपास सर्जरी हो चुकी थी। पिछले 6 महीने से सांस लेने में कठिनाई हो रही थी जो अब बढ़ गई थी। पिछले 1 महीने में 3 बार हार्ट फेलियर एवं फेफड़ों में पानी भर जाने की वजह से अस्पताल में भर्ती हो चुकी थी। 2डी ईको जांच में पता लगा कि एओर्टिक वॉल्व में सिकुडऩ है। ईसीजी में सामने आया कि हार्ट ब्लॉक भी था। ऐसी स्थिति में दोनों समस्याओं का इलाज करना होता है। वॉल्व सिकुडऩ के लिए ट्रान्सकैथेटर एओर्टिक वाल्व रिप्लेसमेंट (टावर) और हार्ट ब्लॉक के लिए पेसमेकर इंप्लांट करना होता है।

स्वास्थ्य समस्याओं ने बढ़ाई मुश्किलें :
सीनियर कार्डियक इलेक्ट्रोफिजियोलॉजिस्ट डॉ. जितेंद्र सिंह मक्कड़ ने बताया कि महिला की अधिक उम्र, पहले हुई ओपन हार्ट सर्जरी, डायबिटीज, बीपी की समस्या, फेफड़ों को बीमारी, बहुत कम वजन और हार्ट की काम पंपिंग क्षमता के कारण सर्जरी करने में बहुत जोखिम था। यहां तक कि दो अलग-अलग प्रोसीजर को झेलने के लिए शरीर भी तैयार नहीं था। ऐसे में एक बार में ही वॉल्व रिप्लेसमेंट और पेसमेकर इंप्लांट किया गया। प्रोसीजर में पहले ट्रांस कैथेटर एओर्टिक वॉल्व रिप्लेसमेंट (टावर) तकनीक से वॉल्व बदला गया। इसके बाद ड्यूल चैंबर लीडलैस पेसमेकर माइक्रा को इंप्लांट किया गया। करीब सवा घंटे में दोनों प्रोसीजर पूरे कर लिए गए। मरीज को बिना बेहोश किए और बिना किसी चीरे के सफलता पूर्वक संपन्न किया गया। प्रोसीजर के बाद एक दिन के लिए मरीज को आईसीयू में रखा गया। आईसीयू से बाहर आने के 3 दिन बाद ही उन्हें अस्पताल से डिस्चार्ज कर दिया गया।

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