पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर कर्ज देगा सऊदी:अब IMF से लोन की उम्मीद; वित्त मंत्री को मीटिंग के लिए US जाने की फुर्सत नहीं

Share:-


करीब 4 महीने इंतजार कराने के बाद आखिरकार सऊदी अरब ने पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर का नया कर्ज देने का फैसला किया है। इस फैसले के बाद पाकिस्तान सरकार को उम्मीद है कि अब इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड यानी IMF भी उसे कर्ज की किश्त जारी कर देगा।

खास बात यह है कि पाकिस्तान के फाइनेंस मिनिस्टर को IMF से मीटिंग के लिए शुक्रवार को वॉशिंगटन जाना था। हैरानी की बात यह है कि मुल्क में जारी सियासी उथलपुथल के चलते उन्होंने यह दौरा रद्द कर दिया है, जबकि इसी मीटिंग के बाद पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर की किश्त जारी हो सकती थी।IMF की शर्त

IMF ने पिछले दिनों साफ कर दिया था कि पाकिस्तान को 1.2 अरब डॉलर की किश्त तभी जारी की जा सकती है, जब वो किसी दूसरे देश से कम से कम 2 अरब डॉलर कर्ज ले और उसे अपने फॉरेन रिजर्व में बतौर गारंटी मनी डिपॉजिट करे। शाहबाज शरीफ सरकार ने इस शर्त को पूरा करने के लिए तीन देशों से मदद मांगी। ये थे- चीन, UAE और सऊदी अरब।
सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान (MBS) ने चार महीने पहले शाहबाज शरीफ से वादा किया था कि वो पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर लोन देंगे। हालांकि, शाहबाज के देश लौटने के बाद प्रिंस ने वादा पूरा नहीं किया। इसके बाद आर्मी चीफ ने सऊदी का दौरा किया और फिर मदद मांगी। इसके दो महीने बाद तक भी सऊदी ने लोन नहीं दिया। पाकिस्तान के अखबार, ‘द एक्सप्रेस ट्रिब्यून’ ने पिछले महीने बताया था कि सऊदी अपने पैसे की गारंटी मांग रहा था।
बहरहाल, बैक डोर डिप्लोमैसी रंग लाई और अब सऊदी अरब ने साफ कर दिया है कि वो पाकिस्तान को 2 अरब डॉलर देने जा रहा है। पाकिस्तानी संसद में इसका ऐलान वित्त राज्य मंत्री आयशा गौस ने किया।

मुल्क से ज्यादा सियासत जरूरी

पाकिस्तान में इस वक्त जबरदस्त सियासी हलचल है। फौज और शाहबाज सरकार एक पेज पर नजर आ रहीं हैं तो दूसरी तरफ, सुप्रीम कोर्ट पूरी तरह इमरान खान के साथ दिखता है। खान को एक साथ 17 केस में जमानत दे दी गई। इतना ही नहीं पंजाब प्रांत में चुनाव के लिए 14 मई की तारीख भी सुप्रीम कोर्ट ने ही तय कर दी, जबकि ये काम इलेक्शन कमीशन का था।
इलेक्शन कमीशन ने कहा- हमारे पास इलेक्शन कराने के लिए फंड्स नहीं हैं। हमें पैसा सरकार देती है। दूसरी तरफ, फौज ने कहा कि मुल्क की सरहदों पर तनाव है, लिहाजा वो अभी सिक्योरिटी मुहैया नहीं करा सकती। इसके बावजूद सुप्रीम कोर्ट पंजाब में चुनाव कराने पर अड़ा है। इमरान खान भी इसी पर अड़े हैं। दरअसल, सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा था कि अक्टूबर में जनरल इलेक्शन होने हैं, और उसी वक्त चारों राज्यों में विधानसभा चुनाव भी करा दिए जाएंगे। इससे दो बार खर्च से बचा सकेगा, क्योंकि सरकार के खजाने में इलेक्शन कराने के लिए जरूरी 20 अरब रुपए नहीं हैं।
बहरहाल, IMF से फाइनल राउंड की बातचीत के लिए वित्त मंत्री इशहाक डार को शुक्रवार को वॉशिंगटन जाना था, लेकिन संसद में सुप्रीम कोर्ट के खिलाफ एक बिल पास होना है, लिहाजा डार ने वॉशिंगटन जाना मुनासिब नहीं समझा। इस पर IMF का रिएक्शन अभी नहीं आया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *