पेपर लीक सरगना शेर सिंह 10 दिन के रिमांड पर,एसओजी भूपेंद्र सारण के सामने करेगी पूछताछ

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उदयपुर,7 अप्रैल (ब्यूरो)। सीनीयर टीचर भर्ती परीक्षा के पेपर लीक मामले के मुख्य सरगना निलंबित स्कूली उप प्रधानाचार्य शेरसिंह मीणा को एसओजी ने शुक्रवार को उदयपुर में न्यायाधीश के आवास पर पेश किया। जहां से उसे 17 अप्रेल तक रिमांड पर भेज दिया गया। अब एसओजी पेपर लीक मामले के मास्टरमाइंड भूपेंद्र सारण और शेरसिंह को आमने—सामने बिठाकर पूछताछ करेगी, ताकि यह पता लग सके कि उसने पेपर कहां से खरीदा था।
एसओजी जयपुर की टीम ओडिसा से गिरफ्तार पेपर लीक मामले के सरगना शेर सिंह उर्फ अनिल मीणा को शुक्रवार को उदयपुर लेकर पहुंची थी। गुड फ्राइडे पर अदालत में अवकाश के चलते आरोपी को अतिरिक्त जिला मजिस्ट्रेट क्रम —1 के आवास पर पेश किया गया। रिमांड के आदेश मिलने के बाद एसओजी की टीम उसे लेकर जयपुर रवाना हो गई। रिमांड के दौरान अब शेरसिंह तथा न्यायिक हिरासत में चल रहे भूपेंद्र सारण को आमने—सामने बिठाकर पूछताछ करेगी। भूपेंद्र सारण फिलहाल अजमेर की हाई सिक्योरिटी जेल में बंद है। साथ ही एसओजी शेर सिंह की प्रोपर्टी के बारे में जानकारी हांसिल करेगी।

सारण ने बताया कि उसने शेरसिंह से 50 लाख में खरीदा था पेपर
गौरतलब है कि पुलिस हिरासत में पूछताछ के दौरान आरोपी भूपेंद्र सारण ने कबूल किया था कि उसने जयपुर के दौला का वास—चौमू निवासी शेरसिंह मीणा से पचास लाख रुपए में पेपर खरीदा था। जिसके बाद उसने यह पेपर सुरेश ढाका को बेचा था, जिसकी गिरफ्तारी अभी शेष है। ढाका ने ही अपने साले सुरेश विश्नोई के सहयोग से अभ्यर्थियों को पांच—पांच लाख रुपए में पेपर बेचे थे। सुरेश विश्नोई भी फिलहाल न्यायिक हिरासत में चल रहा है।

5 साल पहले गांव से दूरी बना ली
एसओजी की टीम की जांच से पता चला कि पेपर लीक मामले के सरगना शेर सिंह मीणा ने अपने गांव दौला का वास से पांच साल पहले ही दूरी बना ली थी। जिसके चलते गांव का कोई व्यक्ति उसकी संपत्ति के बारे में नहीं जानता। उसके दो भाई सरकारी नौकरी करते हैं। वहीं एक छोटा भाई गांव में किराना स्टोर चलाता है। गांव में शेर सिंह मीणा की मां और छोटा भाई रहते हैं, लेकिन शेर सिंह पिछले कई सालों से उनसे मिलने गांव नहीं गया।

सिरोही जिले के स्कूल में उप प्रधानाचार्य था शेर सिंह
पेपर लीक मामले का सरगना शेर सिंह सिरोही जिले के आबूरोड के स्वरूपगंज क्षेत्र के भावरी गांव में सरकारी स्कूल में उप प्रधानाचार्य थी। वह लोगों को बताया था कि उसकी जान पहचान सरकार के कई मंत्री और शिक्षा विभाग के बड़े अधिकारियों से है। पेपर लीक में नाम आने के बाद उसे सस्पेंड कर दिया गया था।

इस तरह शेरसिंह और सारण के बीच हुई दोस्ती
सिरोही से पहले वह जयपुर के फागी स्थित सरकारी स्कूल में शिक्षक था। उस समय पेपर लीक का आरोपी जगदीश बिश्नोई भी वहां शिक्षक था और दोनों के बीच दोस्ती हो गई थी। भूपेंद्र सारण कई बार फागी में जगदीश से मिलने आता था। जहां जगदीश बिश्नोई ने ही शेर सिंह मीणा की भूपेंद्र सारण से दोस्ती करवाई थी। सारण ने इससे पहले काॅन्स्टेबल का पेपर लीक करवाया था। इसके बाद भूपेंद्र सारण और शेरसिंह मीणा ने सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करने का प्लान बनाया था। दोनों के बीच सौदा हुआ कि शेरसिंह मीणा सीनियर टीचर भर्ती परीक्षा का पेपर लीक करके लाएगा और उसे भूपेंद्र सारण को बेचेगा।

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