सौर अवलोकनों और कंप्यूटर सिमुलेशन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा, सौर विज्ञानियों की कार्यशाला का दूसरा दिन

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उदयपुर, 4 अप्रेल (ब्यूरो)। सौर भौतिक कार्यशाला ‘बहु-स्तरीय सौर परिघटनाएँ, वर्तमान क्षमताएं और भावी चुनौतियाँ (यूएसपीडब्ल्यू -2023े) के दूसरे दिन मंगलवार को उदयपुर में चल रही सौर विज्ञानियों की कार्यशाला में देश भर के विभिन्न शोधकर्ताओं ने सौर अवलोकनों और कंप्यूटर सिमुलेशन के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा की ।
कार्यशाला में भारत के भविष्य के अंतरिक्ष सौर मिशनों पर चर्चा की गई एवं विभिन्न सौर परिघटनाओं को समझने के लिए भारत की क्षमताओं पर ध्यान केंद्रित किया गया। इस संबंध में आगामी आदित्य-एल1 मिशन पर उदयपुर सौर वेधशाला में स्थित ई-कैलिस्टो उपकरण और भौतिक अनुसंधान प्रयोगशाला, अहमदाबाद से एएसपीईएक्स उपकरण से भू-आधारित रेडियो प्रेक्षणों पर विशेष ध्यान दिया गया। सूर्य पर होने वाली विभिन्न प्रक्रियाओं में चुंबकीय क्षेत्र की भूमिका को समझने के लिए उदयपुर सौर वेधशाला, आईआईएसईआर कोलकाता और आईआईटी इंदौर में उपयोग किए जाने वाले विभिन्न संख्यात्मक मॉडलों पर चर्चा की गई।

उदयपुर सौर वेधशाला, उदयपुर, राजस्थान और कोडाइकनाल, तमिलनाडु में स्थित कोडाइकनाल वेधशाला में स्थित मल्टी एप्लीकेशन सोलर टेलीस्कोप (एमएएसटी) से सौर टिप्पणियों पर चर्चा की गई। भारत की आगामी जमीन आधारित अवलोकन सुविधाओं को महत्व दिया गयारू जम्मू और कश्मीर के मेराक में पोंगोंग झील स्थल पर राष्ट्रीय विपुल सौर टेलीस्कोप (एनएलएसटी), और उदयपुर सौर वेधशाला, उदयपुर में वाइड-बैंड सोलर रेडियो स्पेक्ट्रोग्राफ (डब्ल्यूबीएसआरएस)।
कार्यशाला का दूसरा दिन उदयपुर सौर वेधशाला, उदयपुर, राजस्थान में सभी प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों और शोध विद्वानों की विभिन्न अवलोकन सुविधाओं के दौरे के साथ समाप्त हुआ ।

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